- गाँव के भूमिहार मतदाताओ ने चुनाव आयोग की ओर से जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट मे मुस्लिम मतदाताओ का नाम देखकर हुए हैरान और परेशान।
- नाराज ग्रामीणों ने साजिश करार देते हुए शासन प्रशासन से वोटर लिस्ट मे सुधार की मांग करते हुए कहा कि ससमय नही हुआ सुधार तो करेंगे वोट का बहिष्कार।
खबर एक्सप्रेस बिहार न्यूज24, मुजफ्फरपुर (बिहार) : अगामी बिहार विधान सभा चुनाव 2025 की तैयारी जोरों पर है और इससे कुछ दिनों पूर्व ही मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण (SIR) कार्यक्रम संपन्न हो गया। जिसके बाद चुनाव आयोग की ओर से ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी की गई है। वही जारी किए गए ड्राफ्ट मतदाता सूची को देखकर मुजफ्फरपुर जिला अंतर्गत सकरा विधानसभा क्षेत्र के कटेसर पंचायत स्थित मोहनपुर टोला मे रहने वाले लोग काफी हैरान परेशान है।
गाँव के लोगो के परेशानी का आलम यह है कि इस गाँव मे करीब पांच सौ (500) घर हिंदू समुदाय से जुड़े भूमिहार और वैश्य समाज के लोगो का है। जबकि एक भी परिवार मुस्लिम समुदाय का नही है। वही निर्वाचन आयोग द्वारा जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची पर गौर गाँव के सैकड़ो घरों के परिवारिक सूची मे मुस्लिम मतदाताओ के नाम अंकित मिले है। मामला प्रकाश मे आने के बाद गाँव के लोगो मे जबरदस्त नाराजगी देखी जा रही है।
जानकारी के मुताबिक स्वास्थ विभाग के अवकाश प्राप्त कर्मचारी सह मोहनपुर टोला निवासी कामेश्वर ठाकुर के परिवार के आधा दर्जन सदस्य मतदाता है, जबकि ड्राफ्ट मतदाता सूची मे दो और मुस्लिम मतदाताओं का नाम शामिल है । ठीक उसी प्रकार दिलीप ठाकुर के परिवार मे पांच सदस्य मतदाता है, लेकिन उनके पारिवारिक सूची मे चार और मुस्लिम मतदाताओ के नाम शामिल है। इस तरह के मामले अनेको घरों से सामने आए है।
इस मामले को लेकर कामेश्वर ठाकुर ने शासन – प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए हमारे प्रतिनिधि को बताया कि ” यह कोई साधारण गलती नही है बल्कि साजिश की तरफ इंगित करती है। हमारे परिवारिक सूची मे मुस्लिम मतदाताओ का नाम शामिल कैसे हो गया, यह समझ से परे है। “
स्थानीय लोगो की माने तो गाँव के जिस घरों मे ताला बन्द है अथवा जिस घर के सदस्य गाँव से बाहर रहते है, उनकी जगह मुस्लिम मतदाताओ का नाम शामिल है।
नाराजगी व्यक्त करते हुए ग्रामीणों ने कहा है कि यह महज गलती नही बल्कि सुनियोजित तरीके का खेल जैसा प्रतीत होता है। आगे उन्होंने यह भी बताया कि हमलोगों को आशंका है कि आगे चलकर यह गडबडी जमीन- जायदाद पर विवाद खड़े कर सकता है। इसलिए इसे ससमय सुधार किया जाए, अन्यथा वे वोट बहिष्कार के लिए बाध्य होंगे।