अल्पसंख्यको के कल्याण के गारंटर है सीएम नितीश कुमार : राजीव रंजन प्रसाद

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खबर एक्सप्रेस बिहार न्यूज 24 , पटना { बिहार } : शनिवार को जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने वक्फ बिल संसोधन को लेकर बड़ा बयान दिया है | राष्ट्रीय प्रवक्ता का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब वक्फ बिल संसोधन को लेकर नाराज पार्टी के ही कुछ नेताओं ने हाल ही में पार्टी से इस्तीफा दे दिया है | जिसके बाद राष्ट्रीय प्रवक्ता ने पार्टी नेताओ के द्वारा दिए गए  इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए समर्पित हैं और वक्फ संशोधन विधेयक के लिए उनके समर्थन से मुसलमानों के हितों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ये लोग पार्टी का हिस्सा थे, लेकिन उनमें से कुछ पहले दूसरी पार्टियों से चुनाव लड़ चुके हैं।

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने आगे यह भी कहा कि जो नाम जदयू का हिस्सा होने का दावा कर रहे हैं वह वास्तव में पार्टी का हिस्सा है ही नहीं हैं | मोहम्मद कासिम अंसारी ने एआईएमआईएम से बिहार विधानसभा चुनाव 2020 लड़ा था। कुछ अन्य नाम भी हैं | इसलिए, यह एक साजिश है कि अल्पसंख्यक जदयू में खुश नहीं हैं । बिहार के सीएम नीतीश कुमार अल्पसंख्यकों के कल्याण की गारंटी हैं… लोगों का मानना ​​है कि अगर नीतीश कुमार वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करते हैं , तो मुसलमानों के हित के खिलाफ कुछ नहीं होगा। यह निश्चित रूप से मुसलमानों के लिए आशा की किरण है…”

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं, उन्होंने जोर देकर कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक के लिए उनके समर्थन से मुसलमानों के हितों को नुकसान नहीं होगा।
इससे पहले, वक्फ संशोधन विधेयक  को पार्टी के समर्थन को लेकर नदीम अख्तर, राजू नैयर, तबरेज सिद्दीकी अलीग, मोहम्मद शाहनवाज मलिक और मोहम्मद कासिम अंसारी समेत पांच जदयू नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था ।

 जदयू नेता राजू नैयर ने अपने इस्तीफे में लिखा, वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित होने और समर्थन मिलने के बाद मैं जदयू से इस्तीफा देता हूं।” उन्होंने पार्टी के प्रति अपनी गहरी निराशा व्यक्त करते हुए कहा, “मैं जदयू द्वारा मुसलमानों पर अत्याचार करने वाले इस काले कानून के पक्ष में मतदान करने से बहुत आहत हूं।” उन्होंने कहा, “मैं जदयू का पूर्व युवा प्रदेश सचिव पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। मेरा अनुरोध है कि आप माननीय सीएम नीतीश कुमार को एक पत्र भेजें और मुझे सभी जिम्मेदारियों से मुक्त करें ।”

तबरेज़ सिद्दीकी अलीग ने गहरी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी ने “मुस्लिम समुदाय के विश्वास को धोखा दिया है।
अपने पत्र में, मोहम्मद शाहनवाज़ मलिक ने लिखा, “हमारे जैसे लाखों भारतीय मुसलमानों का दृढ़ विश्वास था कि आप विशुद्ध रूप से धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के ध्वजवाहक हैं। लेकिन अब यह विश्वास टूट गया है। ” मोहम्मद कासिम अंसारी ने कहा कि वे इस्तीफा दे रहे हैं क्योंकि वक्फ संशोधन विधेयक पर पार्टी के रुख ने लाखों मुसलमानों को “गहरी ठेस” पहुँचाई है। जेडीयू के लिए यह इस्तीफा ऐसे समय में आया है, जब बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहा है। संसद ने मैराथन और गरमागरम बहस के बाद शुक्रवार की सुबह वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पारित कर दिया। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, “हां 128 और नहीं 95, अनुपस्थित शून्य। विधेयक पारित हो गया है।” संसद में मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 भी पारित हो गया है। ( साभार : एएनआई)

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