खबर एक्स्प्रेस बिहार न्यूज़ 24, बिहार डेस्क : बिहार के गया जिले मे सीबीआई की टीम ने दबिश डालकर एनआईए के अधीन तैनात एक डीएसपी को 20 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप मे उसके दो एजेंटो के साथ गिरफ्तारी की खबर है। खबर के मुताबिक बताया जा रहा है कि डीएसपी की गिरफ़्तारी के बाद सीबीआई की टीम लगातार उससे पूछताछ करने मे जुट गई है। समूचा मामला मुख्यमंत्री नितीश कुमार की पार्टी के पूर्व विधान परिषद सदस्य से जुड़ा है।
गया शहर के एपी कॉलोनी स्थित जनता दल युनाइटेड के पूर्व विधान परिषद सदस्य मनोरमा देवी के घर पर बीते,19 सितम्बर को N. I. A. की टीम ने दबिश डाली थी। इस दौरान टीम को 4.3 करोड़ रुपए नगद और कई हथियार की बरामदगी हुई थी। छापेमारी टीम को एन.आई.ए के डीएसपी अजय प्रताप सिंह ने लीड किया था। उस दौरान पूर्व विधान परिषद के पुत्र और रमैया कांस्ट्रक्सन के मालिक रॉकी यादव को नक्सली कांड मे फंसाने की धमकी दी गई थी । साथ ही साथ ढाई करोड़ रुपए बतौर रिश्वत की मांग केस मे राहत देने के एवज मे की गई थी।
इधर इस मामले को लेकर पूर्व विधान परिषद सदस्य के पुत्र ने सीबीआई से एनआईए के डीएसपी अजय प्रताप सिंह के खिलाफ मामले की शिकायत की थी। जिसमे एनआईए के डीएसपी अजय प्रताप सिंह के खिलाफ रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। शिकायती जांच के क्रम मे सीवीआई की टीम ने गया से डीएसपी अजय प्रताप सिंह के दो एजेंटो को गुरुवार की देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। एजेंटो की गिरफ्तारी के बाद पटना से एनआईए के डीएसपी अजय प्रताप सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है।
वही सीबीआई की टीम ने डीएसपी अजय प्रताप सिंह के घर सहित उत्तर प्रदेश मे रह रहे कई रिश्तेदारों के घर दबिश डाल रही है। इस मामले को लेकर जनता दल युनाइटेड के पूर्व विधान परिषद सदस्य मनोरमा देवी के निजी सचिव ने आशंका जताते हुए कहा है कि एनआईए की छापेमारी करवाने मे राजद के कद्दावर नेता का हाथ है। नक्सल गतिविधि मे फंसाने तथा रॉकी यादव को राहत देने के नाम पर 02.50 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी गई थी। इसी के तहत रिश्वत की पहली किस्त,20 लाख रुपए लेने डीएसपी के दो एजेंट गया आए थे। इसी क्रम मे सीबीआई की टीम ने दोनों को गिरफ्तार की है। सीबीआई की टीम मे आधा दर्जन एसपी और 04 डीएसपी स्तर के अधिकारी शामिल थे।