चंडीगढ़ [भारत] : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के द्वारा हरियाणा को और पानी देने से इनकार करने के बाद , मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मान पर निशाना साधा और कहा कि वह इस मुद्दे का “राजनीतिकरण” करने की कोशिश कर रहे हैं। सैनी ने यह भी स्पष्ट किया कि हरियाणा को उसका पूरा हिस्सा नहीं मिला है, बल्कि केवल 60 प्रतिशत पानी मिला है। सैनी ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, “वह इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि एसवाईएल (सतलज-यमुना लिंक) नहर का मामला सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है। लेकिन यह मुद्दा एसवाईएल के पानी का नहीं है। यह पीने के पानी के मुद्दे का है… हरियाणा को अभी तक उसका पूरा हिस्सा नहीं मिला है। पिछले सप्ताह हरियाणा को केवल 4,000 क्यूसेक पीने का पानी मिला, जो राज्य की कुल मांग का लगभग 60% है।
यदि बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड) हरियाणा की मांग के अनुसार शेष पानी उपलब्ध कराता है, तो यह भाखड़ा बांध के जलाशय का केवल 0.0001% होगा…” सैनी ने यह भी कहा कि दिल्ली में AAP के चुनाव हारने के बाद भगवंत मान दिल्ली के लोगों को दंडित करने का काम कर रहे हैं। सैनी ने कहा कि अगर हरियाणा के संपर्क बिंदु पर पानी कम होगा तो दिल्ली की पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित होगी। जब तक दिल्ली में आप की सरकार थी, भगवंत मान दिल्ली को पानी भेजे जाने पर कोई आपत्ति नहीं थी। लेकिन अब जब आप दिल्ली में हार गई है तो वह दिल्ली के लोगों को सजा देने के लिए ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने मान से पार्टीगत राजनीति से ऊपर उठकर हरियाणा को पेयजल उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि संकीर्ण दृष्टिकोण से ऊपर उठकर देशहित में सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि भगवंत मान से पार्टीगत राजनीति से ऊपर उठकर हरियाणा को पेयजल उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया । भाखड़ा बांध जलाशय को जून से पहले खाली करना जरूरी है ताकि मानसून के दौरान बारिश के पानी को संग्रहित किया जा सके। अगर जलाशय में जगह नहीं बची तो अतिरिक्त पानी हरि-के-पत्तन के रास्ते पाकिस्तान चला जाएगा जो न तो पंजाब के हित में है और न ही देश के हित में। भगवंत मान से मेरा अनुरोध है कि संकीर्ण दृष्टिकोण से ऊपर उठकर देशहित में सहयोग करें और हरियाणा को समुचित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करें । सैनी ने आगे कहा कि, हालांकि मान ने पौंग और रंजीत सागर बांधों में कम जल स्तर की वकालत की है, लेकिन उन्होंने भाखड़ा नांगल बांध की स्थिति के बारे में नहीं बताया। भगवंत मान ने पौंग और रंजीत सागर बांध में कम जल स्तर की वकालत की, लेकिन भाखड़ा बांध की स्थिति के बारे में नहीं बताया।
कहां से हरियाणा को पीने का पानी मिलता है। भगवंत मान ने कहा कि आज से पहले न तो पंजाब और न ही बीबीएमबी ने जलस्तर पर नजर रखी। यह गलत है। बीबीएमबी के साथ-साथ राजस्थान, पंजाब , दिल्ली और हरियाणा की सरकारें हर समय पानी की एक-एक बूंद पर लगातार नजर रखती हैं। 26 अप्रैल को मैंने उन्हें फोन पर बताया कि पंजा अधिकारी बीबीएमबी की तकनीकी समिति द्वारा 23 अप्रैल को पंजाब , हरियाणा , दिल्ली और राजस्थान को पानी छोड़ने के फैसले को लागू करने में आनाकानी कर रहे हैं।” सैनी ने आगे कहा।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगया कि पंजाब के सीएम ने उन्हें पानी छोड़ने का आश्वासन दिया था, लेकिन 27 अप्रैल तक रोक कर रखा गया। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने हरियाणा के लोगों को गुमराह किया है ।
”मान ने मुझे आश्वासन दिया कि वह शाम तक पानी छोड़ देंगे और कहा कि वह इसके लिए मुझे फोन पर बधाई भी देंगे। हालांकि, अगले दिन 27 अप्रैल को पंजाब के अधिकारियों ने दोपहर 2 बजे तक कुछ नहीं किया और यहां तक कि हरियाणा के अधिकारियों के फोन कॉल का जवाब देना भी बंद कर दिया। सैनी ने कहा, “अगले दिन मैंने उन्हें पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया, लेकिन 48 घंटे में पत्र का जवाब देने की बजाय मान ने एक वीडियो जारी कर राजनीतिक स्वार्थ के लिए तथ्यों को दरकिनार कर हरियाणा की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया ।”
[ इनपुट ; एएनआई ]