- त्वरित न्याय के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का लें सहारा ; आपसी स्नेह से करें वादों का निपटान : जिलाधिकारी।
जमुई ( बिहार) : आज राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सौजन्य से और राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने व्यवहार न्यायालय परिसर में स्थित न्याय सदन के प्रशाल में विभिन्न अदालतों में सुलहनीय मुकदमों के निपटान के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया। व्यवहार न्यायालय परिसर में खास अदालत को लेकर विशेष गहमा-गहमी देखी गई।

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश संदीप सिंह ने अग्नि ज्योति प्रज्ज्वलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह अदालत सुलहनीय वादों के निपटान के लिए सबसे प्रभावशाली उपकरण है। यहां पक्षकारों को त्वरित और कम खर्च पर अंतिम न्याय दिया जाता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने खास अदालत के जरिए लंबे समय तक चलने वाली कानूनी लड़ाई को समाप्त या रोककर वादियों को राहत देने का काम किया है। इस अदालत में मामलों के निपटान के लिए लचीला रुख अपनाया जाता है। इसके चलते अल्प समय में अल्प व्यय के साथ त्वरित न्याय मिलता है। इससे वे बार-बार कोर्ट आने जाने क़ी परेशानी से बच जाते हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत में सुगम , सुलभ और सस्ता न्याय उपलब्ध है। वादों के निपटान में पक्षकारों की हार-जीत नहीं होती है। इसका फैसला अंतिम और चुनौती रहित है। प्रधान जिला जज ने मुकदमेबाजों से उदारता के साथ मामलों का निपटान कराए जाने की अपील की।

डीएम नवीन ने कहा कि वाद बेवजह तनाव देता है। राशि की अपव्यय के साथ मानसिक चैन छीन लेता है। समय की बर्बादी होती है। स्नेहिल भाव से दिल मिलाकर प्रकरणों का निपटान करें। उन्होंने पक्षकारों से राष्ट्रीय लोक अदालत का लाभ लेने की अपील की। वहीं पुलिस अधीक्षक विश्वजीत दयाल ने कहा कि इस अदालत की सफलता के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार को हर संभव सहयोग दिए जाने का ऐलान किया।

सचिव राकेश रंजन ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलभ न्याय , कोई अपील नहीं , अंतिम रूप से निपटारा , समय और धन की बचत जैसे लाभ मिलते हैं। यहां बीमा , बिजली , वन , बैंक , श्रम , खनन , दूरभाष , मापतौल , उत्पाद , वैवाहिक वाद , मोटर दुर्घटना , एनआई एक्ट , राजस्व आदि से संबंधित सुलहनीय प्रकरणों की सुनवाई होती है और उदारता के साथ उसका निस्तारण किया जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालत में सुनाए गए फैसले की उतनी ही अहमियत होती है जितनी सामान्य अदालत में सुनाए गए फैसलों की होती है। उन्होंने वादियों से इस अदालत का लाभ उठाने की अपील की।
न्यायिक पदाधिकारी सत्यनारायण शिवहरे , प्रभात कुमार श्रीवास्तव , पवन कुमार , सत्यम , अनुभव रंजन , भाविका सिंह , नाजिया खान , मृणाल आर्यन , अनिमेष रंजन , एहसान राशिद , डीपीआरओ वीरेंद्र कुमार , नजारत उप समाहर्ता भानू प्रकाश , स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जमुई के मुख्य प्रबंधक सौरभ कुमार , एसबीआई गिद्धौर के प्रबंधक राजुल कुमार , एलडीएम लक्ष्मी एक्का , जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष सीताराम सिंह , नगर थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार , कोर्ट कर्मी मुकेश रंजन समेत कई संबंधित अधिकारी एवं भारी संख्या में पक्षकार मौके पर उपस्थित थे।