समाचार संकलन के दौरान मीडियाकर्मी को डराता व धमकाता है कांटी थाना का कोतवाल, किसके सह पर कानून को दे रहा है मात ?

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कोतवाल के दुर्व्यवहार से पीड़ित ओसीमा न्यूज़24 के संपादक ने एसएसपी राकेश कुमार से की मामले की लिखित शिकायत,जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय को भी लिखा पत्र !

खबर एक्सप्रेस बिहार न्यूज़24, बिहार : सूबे के पुलिस प्रमुख आर.एस. भट्ठी ने अपने अधीनस्थ पुलिस पदाधिकारियों को यह निर्देश दिया था कि थाना पर पहुंचने वाले पीड़ित व उनके परिजनों के साथ संवेदनायुक्त व्यवहार किया जाए लेकिन उनके ही अधीनस्थ पुलिस अफसर उनके आदेश की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे है ।

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ताजा मामला मुजफ्फरपुर जिले के कांटी थाना से जुड़ा है । यहां पर पीड़ित व उनके परिजनों की कौन कहे यहां का कोतवाल तो पत्रकारों को भी धमकती देता है और वह भी समाचार संकलन करने के क्रम में । यह मामला तब प्रकाश में आया है जब बीते कल ओसीमा न्यूज़24 के संपादक ने जिला पुलिस बल के वरिष्ठ पुलिस कप्तान को कांटी थाना के कोतवाल के खिलाफ शिकायती आवेदन समर्पित किया है ।

ओसीमा न्यूज़24 के संपादक ने अपने शिकायती आवेदन में उल्लेख किया है कि वह बीते 05 तारीख को कांटी थाना परिसर में समाचार संकलन करने पहुंचे थे । इसी क्रम समाचार संकलन करते हुए कोतवाल की नजर पड़ी तो कोतवाल ने रौब गांठते हुए पूछा कि किसके परमिशन से न्यूज़ के लिए वीडियो बना रहे हो ।

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जिस पर उक्त पत्रकार का तर्क था कि समाचार संकलन के लिए यहां किस से परमिशन लेना चाहिए । पत्रकार का यह तर्क सुनते ही कोतवाल आग बबूला हो गया और न सिर्फ थाना से भाग जाने के लिए कहा बल्कि यह भी हिदायत दी कि आज के बाद थाना पर देखा तो जेल भेज दूंगा ।

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इस संबंध में ओसीमा न्यूज़24 के संपादक ने कहा कि कांटी थाना के कोतवाल के दुर्व्यवहार से न सिर्फ मैं आहत हूँ बल्कि पत्रकारिता पर प्रतिबंध लगाने की भी एक कोशिश के रूप में देख रहा हूँ । वही इस मामले को लेकर कांटी थाना के कोतवाल से सरकारी मोबाइल पर बातचीत की गई तो मामला सुनते ही वह काफी तैश में आ गए और बोला कि वेव न्यूज़ पोर्टल है तो क्या है और इसकी वैल्यू क्या है ? इसके बाद उन्होंने फोन काट दिया ।

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कोतवाल के इस जवाब से कई अहम सवाल भी उपजने लगे है और इस सवाल का जवाब तो उन्हें अपने वरीय पुलिस पदाधिकारियों से मांगना चाहिए । क्योकि पुलिस प्रशासन हो या जिला प्रशासन या फिर सरकार सभी की सूचियों में वेव न्यूज़ के प्रतिनिधियों को काफी संख्या में शामिल किया गया है और विधिवत सूचनाओं का आदान प्रदान भी किया जाता रहा है ।

kebnews24

अब मामला चाहे जो भी हो शिकायती आवेदन एसएसपी राकेश कुमार के पास पहुंच चुका है , जांच व पड़ताल के बाद ही आरोपो के सत्यता की पुष्टि होगी लेकिन थानेदार के इस व्यवहार से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के प्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार करने से परहेज नही है तो पीड़ित व उनके परिजनों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता होगा ?

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