हम सैनिकों से भेदभाव नही करते,अमृतपाल ने आत्महत्या की इसलिए नियमानुसार नही दिया सैन्य सम्मान : भारतीय सेना
नई दिल्ली : अग्निवीर अमृतपाल सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर नही दिए जाने को लेकर विपक्षी दलों के नेताओ के द्वारा सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल खड़े किए जा रहे थे । इसी बीच रविवार की देर रात भारतीय सेना का बयान सामने आया है। भारतीय सेना ने यह बयान अपने ट्वीटर हैंडल के जरिए सार्वजनिक किया है। जिसमे लिखा है कि अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने सुसाइड किया था ,इसलिए नियमानुसार उसे गार्ड ऑफ ऑनर नही दिया गया ।
अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने संतरी ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी । अमृतपाल के अंतिम संस्कार में गार्ड ऑफ ऑनर नही दिया गया,क्योकि खुद की पहुंचाई गई चोटों से होनेवाली मौत क़्क़ यह सम्मान नही दिया जाता है ।
भारतीय सेना ने आगे अपने बयान मे यह भी लिखा है कि अमृतपाल सिंह की मौत से जुड़े फैक्ट्स को लेकर गलतफहमियां और गलत बयानबाजी हुई है । भारतीय सेना सैनिकों में इस आधार पर भेदभाव नही करती कि वे अग्निपथ योजना से पहले या बाद में सेना में शामिल हुए थे । यह परिवार और भारतीय सेना के लिए बड़ा नुकसान है कि एक अग्निवीर ने ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मारकर सुसाइड किया ।
आगे सेना ने यह भी लिखा है कि किसी सैनिक की आत्महत्या या खुद से लगी चोट के कारण होनेवाली मौत की घटना होने, सेना में एंट्री के तरीके की परवाह किए बिना सैनिक को उचित सम्मान दिया जाता है । हलाकि ऐसे मामले 1967 के सेना के आदेशानुसार सैन्य अंत्योष्टि के हकदार नही है । इस नीति का बिना किसी भेदभाव के लगातार पालन किया जा रहा है ।
वही सेना द्वारा जारी आकड़ो के मुताबिक वर्ष 2001 बाद हर वर्ष 100- 140 सैनिकों की मौत हुई है । ये मौते आत्महत्या अथवा खुद को लगी चोटों के कारण हुई है । इस तरह के मामलो में सैन्य अंतिम संस्कार की अनुमति नही दी गई है । अंतिम संस्कार के लिए वितीय सहायता के अलावे मृतक के पद के मुताबिक मदद की जाती है ।
यहां बताते चले कि अमृतपाल सिंह की ड्यूटी पूंछ जिले के मेंढर उपमंडल के मनकोट इलाके LOC के पास थी । ड्यूटी के दौरान ही उनके माथे पर कारतूस लगी थी । वही अमृतपाल की मौत से दो दिनों पूर्व सेना ने दो आतंकवादियों को मार गिराया था । शुरुआती दौर में यही माना जा रहा था कि अमृतपाल को आतंकवादी की गोली लगी है ।