पल्लवी कुमारी , बिहार के पश्चिम चंपारण जिले से एक अंचल अमीन के द्वारा नजराना व चढ़ावा लिए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद एक तरफ अंचलाधिकारी सहित अन्य वरीय पदाधिकारियों के द्वारा मामले की जांच और कार्रवाई को लेकर तत्परता नही दिखाई जा रही है तो वहीं दूसरे तरफ अंचल अमीन व उसके सहयोगियों के द्वारातक रुपए देनेवाले युवक को न सिर्फ लगातार धमकी दी जा रही है बल्कि यह भी दवाब बनाया जा रहा है कि वह लिखकर दे कि उसने जो रुपए दिए थे वह निजी अमीन के लिए था ।
जानकारी के मुताबिक पश्चिम चंपारण जिले के राम नगर अंचल कार्यालय में पदस्थापित एक अमीन के द्वारा गत सप्ताह मापी के एवज में नजराना व चढ़ावा लेते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था । मामला प्रकाश में आते ही रामनगर के अंचलाधिकारी ने कहा था कि मामले के जांच का आदेश रेवन्यू ऑफिसर कुंदन कुमार को दिया गया है ।
वही इस मामले में जांच व कार्रवाई को फाईलो में ही दबाने की कोशिश की गई । बाद में इस मामले को लेकर सीओ से उनके सरकारी दूरभाष पर संपर्क स्थापित करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन कॉल रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा ,नतीजन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया ।
अब गंभीर सवाल यह है कि अंचल कार्यालय परिसर में स्थित कमरे में निजी अमीन को बैठने व कारोबार करने की इजाजत किसने दी ? क्या अंचल अमीन द्वारा लिए जा रहे नजराना में अंचलाधिकारी और रेवन्यू ऑफिसर को भी हिस्सेदारी मिलती है, जिस वजह से अंचल कार्यालय परिसर में चल रहे भ्रष्टाचार के इस खेल पर परदा डालने की कोशिश की जा रही है ?
ऐसे कई गंभीर सवाल उठने लगे है लेकिन वास्तविकता का पता तो तब चलेगा जब मामले की जांच किसी वरीय पदाधिकारी से कराई जाएगी ।