खबर एक्सप्रेस बिहार न्यूज24, संवाददाता ~ सत्येन्द्र शर्मा,कैमूर ; बिहार सरकार का शिक्षा विभाग एक बार फिर से चर्चे में है.सरकारी कायदे कानून की धज्जियाँ उड़ाते हुए अवैध तरीके से करोडो रूपए की निकासी का मामला जोरो पर है . वही मामला प्रकाश में आने के बाद कैमूर जिला में शिक्षा विभाग के अधीनस्थ पदस्थापित पदाधिकारियों के हाँथ पावं फूलने लगे है. सूत्र बताते है कि मामले की निष्पक्ष और साफ़ सुथरी जांच कराइ जाए तो शिक्षा विभाग के कई अधिकारियो सहित कई सफेदपोशो की काली करतूत सामने आ जाएगी .
जानकारी के मुताबिक कैमूर जिला के शिक्षा विभाग से जुड़े संवेदक के द्वारा विधालयो के प्रधानाध्यापको का फर्जी हस्ताक्षर कर करोडो रूपए की निकासी किए जाने गंभीर मामला प्रकाश में आया है. आरोप है कि विभिन्न विधालयो के मरम्मत सहित अन्य विकास कार्यो को बगैर सम्पन्न कराए ही संवेदक ने सम्बन्धित विधालयो के प्रधानाध्यापको का फर्जी हस्ताक्षर कर राशि प्राप्त करने की कोशिशे की .
वही इस मामले का खुलासा तब हुआ जब इससे जुड़े संवेदकों ने सोशल मिडिया पर शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियो पर नजराना व चढ़ावा वसूलने का आरोप लगाया . हलाकि संवेदक खुलकर सामने आना नहीं चाह रहा है , उसे आशंका है की विभागीय अधिकारी ने सख्ती बरती तो सारा खेल खराब हो जाएगा .
वही इस मामले को लेकर डीपीओ कृष्ण मुरारी गुप्ता ने बातचीत के क्रम में एक मिडिया हाउस के संवाददाता से कहा है कि गलत तरीके से पैसे की निकासी की गई है और इसके लिए संवेदक जिम्मेदार है. डीपीओ के इस बयान से कई गंभीर सवाल भी खड़े हो रहे है और इस सवाल का जवाब तो जांचोपरांत ही सामने आ सकेगा . फिलवक्त जिला में करोडो रूपए फर्जी निकासी का मामला चर्चे में है .