खबर एक्सप्रेस बिहार न्यूज 24 , बिहार डेस्क : बिहार पुलिस के अधीन पदस्थापित पुलिस पदाधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा इहलीला समाप्त किए जाने का सिलसिला फ़िलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है . आमजनों में अब इस बात की चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि समाज,सरकार और न्यायालय से जुड़े लोगो के सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने वाले पुलिस पदाधिकारी आखिर मौत को गले क्यों लगाने लगे है ?
सवाल उठना भी लाजमी है लेकिन इस सवाल के साथ ही फिर एक सनसनीखेज खबर ने पुलिस महकमे में खलबली मचा दी है . ताजा मामला राजधानी पटना के एकता भवन से सामने आया है . यहाँ पर बैरक में रह रहे एक सहायक पुलिस अवर निरीक्षक ने खुद अपनी ही सर्विस रिवाल्वर से सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली है . इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस महकमे में हडकंप मच गया है . मृतक की पहचान अजीत सिंह कुशवाहा के रूप में की गई है . वह मूल रूप से आरा जिले के तरारी के रहनेवाले है. वही इस घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर जाँच के लिए पटना सेन्ट्रल के एसपी स्वीटी सेहरावत एफएसएल टीम के साथ मौके पर पहुँचकर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है .
यहाँ बताते चले कि एकता भवन स्थित बैरक में बहुत सारे पुलिसकर्मी एक साथ रहते है , वावजूद एएसआई ने आत्महत्या कर ली और किसी सहकर्मी को भनक नहीं लगी यह खुद में गंभीर सवाल है . हलाकि इस सवाल का जवाब भी पुलिस पदाधिकारियों के जांचोपरांत सामने आएगा लेकिन मृतक के परिजनों को आत्महत्या की बात फिलहाल पच नहीं रहा है . घटना की जानकारी के बाद मौके पर पहुंचे मृतक के भतीजा की माने तो पहले से सब ठीक था,बिलकुल नॉर्मल थे . इधर छुट्टी नहीं मिलने से कुछ दिनों से दवाब में थे . अब आगे यह जाँच का विषय है पुलिस के पदाधिकारियों ने कहा है कि मामले की जांच की जाएगी .
वही इस मामले को लेकर मृत एएसआई अजीत सिंह कुशवाहा के पिता विनोद सिंह ने मिडिया से बातचीत के क्रम में कहा है कि घर से कोई प्रेशर नहीं था. मेरे चार पुत्र है . कौन मारा या क्या हुआ मुझे कुछ भी पता नहीं है. उसे छुट्टी नहीं मिल पा रही थी . साथ ही साथ उन्होंने यह भी दावा किया है कि उनका बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता है . वही एक अन्य परिजन का तर्क है कि गोली लगने के करीब ढाई घंटे बाद तक उनका शव पडा रहा लेकिन उसे किसी ने छुआ तक नहीं . जबकि उसे अस्पताल भी ले जाना चाहिए था . परिजनों ने समूचे मामले की उच्चस्तरीय जाँच की मांग की है .
“प्रथम दृश्य आत्महत्या का मामला सामने आ रहा है. परिजन भी मौके पर मौजूद हैं. अजीत सिंह पटना पुलिस लाइन रिजर्व में थे और एस्कॉर्ट की ड्यूटी में लगे हुए थे. छुट्टी को लेकर जो बात सामने आई है, ऐसी कोई बात नहीं है. हालांकि परिजन की ओर से अभी आवेदन नहीं मिला है. आवेदन मिलने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. उस बैरक में मौजूद पुलिसकर्मियों से बात की गई है. वहीं सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है.”– स्वीटी सहरावत, सिटी एसपी मध्य
17 दिनों के अंदर 03 पुलिसकर्मियों ने की आत्महत्या
यहाँ बताते चले कि बीते 17 दिनों के अंदर सूबे में तीन पुलिसकर्मियों ने आत्महत्या कर ली . गत माह सीतामढी जिला अंतर्गत बैरगनिया थाना के कोतवाल का शव फंदे से लटका मिला था .जबकि दीपावली के दिन समस्तीपुर जिला पुलिस लाइन के बैरक स्थित बाथरूम में एक महिला सिपाही का शव खिड़की में फंदे से झूलता मिला था. वही अब आज पटना में ट्रैफिक संचालन कार्यालय एकता भवन के बैरक से सहायक पुलिस अवर निरीक्षक के द्वारा आत्महत्या किए जाने का मामला प्रकाश में आया है .