◆ आंगनवाड़ी केंद्रों में हर माह गर्भवती-धात्री महिलाओं और कुपोषित बच्चों को दिया जाता है डी】टीएचआर वितरण,पोषण ट्रैकर एप्प पर दर्ज होती है जानकारी ।
खबर एक्सप्रेस बिहार न्यूज़24, पूर्णिया ( बिहार ) : आंगनवाड़ी केंद्रों के शुरू होने से क्षेत्र की सभी गर्भवती-धात्री महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ और पोषण का समेकित बाल विकास परियोजना (आईसीडीएस) द्वारा ध्यान रखने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बुधवार को जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में महिलाओं और बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए टेक होम राशन (टीएचआर) का वितरण किया गया। बच्चों और गर्भवती-धात्री महिलाओं को पर्याप्त सूखा राशन वितरण की जांच के लिए जिला पदाधिकारी कुन्दन कुमार (भा०प्र०से०) द्वारा दिए गए निर्देश के आलोक में आईसीडीएस जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) रीना श्रीवास्तव द्वारा कसबा प्रखंड के विभिन्न आंगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करते हुए इसकी जानकारी ली गई। इस दौरान जिला परियोजना सहायक सुधांशु कुमार, सीडीपीओ बसंती पासवान और स्थानीय महिला पर्यवेक्षिका भी उपस्थित रहे।

आंगनवाड़ी केंद्रों में हर माह गर्भवती-धात्री महिलाओं और कुपोषित बच्चों को दिया जाता है टीएचआर वितरण :
आईसीडीएस डीपीओ रीना श्रीवास्तव ने बताया कि गर्भवती-धात्री महिलाओं और नवजात शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उनका सही पोषण सेवन करना आवश्यक है। सही पोषण लेने से ही उनके शरीर का विकास हो सकता है जिससे बच्चें स्वस्थ और तंदुरुस्त रह सकते हैं। इसके लिए हर माह आंगनवाड़ी केंद्रों में गर्भवती-धात्री महिलाओं, कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को सही पोषण देने के लिए टेक होम राशन का वितरण किया जाता है। इस दौरान सभी को एक माह तक के लिए चावल, दाल, सरसों तेल और सोयाबीन का वितरण किया जाता है। इसका सेवन करने से महिलाओं और बच्चों के शरीर में कमजोरी नहीं होती और होने वाला या जन्म हुआ बच्चा बिल्कुल स्वास्थ और तंदुरुस्त होता है।

डीपीओ रीना श्रीवास्तव ने केंद्र जाँच के दौरान पोषण ट्रैकर में केंद्र खुलने का समय, बच्चों की उपस्थिति, वजन निगरानी, अतिकुपोषित बच्चों का फॉलोअप, टी एच आर वितरण, सभी पंजी का संधारान, केंद्र पर सभी सामग्री का रख रखाव से संबंधित काफी समय तक गहन जाँच की गई। सभी केंद्र पर सख्त निर्देश दिया गया की सभी अपने केंद्र से सभी डाटा का इंट्री शत प्रतिशत पोषण ट्रैकर एवं सभी सामग्री का सही उपयोग करते हुए ससमय रिपोर्टिंग करना सुनिश्चित करें l

पोषण ट्रैकर एप्प पर दर्ज होती है जानकारी :
जिला परियोजना सहायक सुधांशु कुमार ने बताया कि आईसीडीएस के माध्यम से संचालित किए जा रहे सभी कार्यक्रमों को पोषण ट्रैकर एप्प के माध्यम से रिपोर्ट किया जाता है।

एप्प के माध्यम से आंगनवाड़ी केंद्रों के पोषक क्षेत्रों में गर्भवती एवं धात्री महिलाओं, शून्य से लेकर तीन वर्ष के बच्चे, 03 से 06 वर्ष के बच्चे स्कूल पूर्व शिक्षा की उपस्थिति,किशोरियों के साथ आंगनवाड़ी के अंतर्गत पोषक क्षेत्र के कुपोषित-अतिकुपोषित बच्चों की जानकारी और उन्हें मिलने वाले टीएचआर वितरण, गृह भ्रमण की जानकारी अपलोड की जाती है। जिससे कि सभी गर्भवती-धात्री महिलाओं और बच्चों का ग्रोथ मोनिटरिंग आईसीडीएस द्वारा आसानी से किया जा रहा है l