रामलखन सिंह रामस्वरूप मंडल स्नातक महाविद्यालय के कथित प्राचार्य ने सबंद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति के विरुद्ध वेबुनियाद आरोपो को मुद्दा बनाकर दिया धरना और किया प्रदर्शन

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दरभंगा: यहां के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त एक महाविद्यालय के कथित प्राचार्य के जालसाजी का गंभीर मामला प्रकाश में आया । कथित प्राचार्य के द्वारा विश्विद्यालय के कुलपति के विरुद्ध बेबुनियाद व तथ्यविहीन आरोपो को मुद्दा बनाकर धरना ~ प्रदर्शन भी किए जाने की खबर है ।

जानकारी के मुताबिक ललित नारायण मिथिला विश्वविधालय से संबद्धता प्राप्त राम लखन सिंह राम स्वरूप मंडल स्नातक महाविद्यालय ,शिवाजी नगर के कथित जालसाज प्रध्यापक कुशेश्वर साहनी ने अपना नियुक्ति 12 जुलाई 1987 को बताया हैं , जबकि एम.कम की डिग्री 22 फरवरी 1990 ई.को मार्कशीट नंबर 136 रोल नंबर डार 2368 पंजीयन संख्या 25138/80 बताया है। वही इनका इंटरव्यू 21 जून 1991 को हुआ ।

विदित हो कि कथित प्राचार्य के दावे में आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि कथित प्राध्यापक कुशेश्वर सहनी को महाविद्यालय से शाशी निकाय द्वारा 4 फरवरी 1992 को प्रस्ताव संख्या दो के माध्यम से फर्जीवाडा करने, महाविद्यालय में अराजकता फैलाने एवं वातावरण दूषित करने, बगैर सूचना फरार रहने सहित अन्य कई कारण चेतावनी देने के बावजूद नियम का पालन नहीं करने के आरोप में इन्हें तत्काल प्रभाव से शाशी निकाय ने बर्खास्त कर दिया गया था।

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इस आदेश के खिलाफ कथित प्राचार्य कुशेश्वर सहनी ने पटना उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर किया गया था । उक्त याचिका को माननीय न्यायाधीश ने याचिका खारिज कर मामला को समाप्त करने का आदेश दिए थे। दूसरी ओर प्रमोद दास नामक खुद को लिपिक बताकर विश्वविद्यालय को गुमराह करने और महाविद्यालय को असंतुलित एवं बदनाम करने के नियत से फर्जी प्रमाण पत्र शाशी निकाय द्वारा नियुक्ति प्रमाण पत्र की बात बताकर कुप्रचार किए गया।

सूत्र बताते है कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के माफिया तंत्र द्वारा विश्वविद्यालय को बदनाम करने की नियत से पिछले दो दिनों से नेक काम को बाधित करने के लिए विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है । जानकारी के बाद से महाविद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय के लोगो में आक्रोश है, जबकि शाशी निकाय के प्रथम गठन से पहले का फर्जी नियुक्ति पत्र दिखाकर गुमराह करने की कोशिशें अब भी जारी है । इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के कर्मियों ने तीव्र निंदा की।

इस धरना प्रदर्शन के पीछे साजिशकर्ता कथित प्रोफेसर की नियुक्ति और प्रमाण पत्र से मेल नहीं खाने के आरोप में विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति डॉक्टर एसपी सिंह द्वारा बर्खास्त किए जाने के बाद ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के माफियाओं द्वारा कुछ न कुछ कुलपति और रजिस्ट्रार के खिलाफ कर विश्वविद्यालय को बदनाम किया जा रहा है।

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