विश्व दूरदर्शन दिवस के मौके पर छात्र – छात्राओं के बीच क्विज प्रतियोगिता आयोजित

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खबर एक्सप्रेस बिहार न्यूज24, पटना : बिहार की राजधानी पटना स्थित गुलजारबाग के राजकीयकृत नवसृजित प्राथमिक विद्यालय दादरमंडी में विश्व दूरदर्शन दिवस के अवसर पर शिक्षक सूर्य कान्त गुप्ता के द्वारा छात्र-छात्राओं के बीच दूरदर्शन क्विज प्रतियोगिता कराई गई, जिसमें प्रेस मध्य विद्यालय एवं मध्य विद्यालय रमना के छात्र-छात्राओं ने भी भाग लिया।

क्विज में दूरदर्शन के अविष्कार से लेकर अब तक की विकास यात्रा के बारे में प्रश्न पूछे गए। क्विज में प्रथम स्थान सौम्या कुमारी, द्वितीय स्थान सोनाली कुमारी तथा तृतीय स्थान सन्नी कुमार ने प्राप्त किया। इस प्रतियोगिता में एंजेल कुमारी, रिया कुमारी, करुणा कुमारी, रागिनी कुमारी, खुशी कुमारी, मुस्कान कुमारी, रवीना परवीन, अनामिका कुमारी, आराध्या कुमारी, सुमन कुमारी सहित अन्य छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के दूसरे चरण में श्री गुप्ता ने सभी छात्र-छात्राओं के साथ दूरदर्शन से संबंधित जानकारियां साझा की।

श्री गुप्ता ने बताया कि दूरदर्शन उपकरणों द्वारा तार पर या अंतरिक्ष के माध्यम से ध्वनि के साथ छवियां यानी चित्रों को प्रसारित करने की एक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है, जो प्रकाश और ध्वनि को विद्युत तरंगों में बदलता है और फिर उन्हें वापस प्रकाश एवं ध्वनि में बदल देता है। उन्होंने बताया कि दूरदर्शन का आविष्कार 1924 ई. में जॉन लोगी वेयर्ड ने किया था।

इसके बाद 1927 ई. में फिलो टेलर फाॅर्न्सवर्थ ने दुनिया के पहले वर्किंग टेलीविजन का निर्माण किया। यह ब्लैक एंड व्हाइट था। 1928 ई. में जे. एल. बेयर्ड ने ही रंगीन टेलीविजन का आविष्कार किया। भारत में पहला टेलीविजन वी. शिवकुमारन द्वारा मद्रास में प्रदर्शित किया गया। ये उस समय इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र थे। भारत में 15 सितंबर 1959 ई . को दूरदर्शन लॉन्च किया गया।

वही 15 अगस्त 1982 ई . को भारत में पहली रंगीन टी वी आया। भारत का पहला टी वी सीरियल ‘हमलोग’ था। फ्री डिश डीडी डायरेक्ट सेवा की शुरुआत 16 दिसंबर 2004 ई. को हुई। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1996 ई. में 21 नवंबर को वर्ल्ड टेलीविजन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।

विश्व टेलीविजन दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से परे, टेलीविजन के महत्व पर जोर देना है। इस वर्ष का थीम है ‘एस्सेसीबिलिटी’ यानी ‘पहुंच’। कार्यक्रम को सफल बनाने में दीपांजली रानी, अनन्या कुमारी, शगुन यादव एवं काजल कुमारी ने महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया।

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