दिल्ली : केंद्र की सत्ताशीन सरकार मानसून सत्र के दौरान संसद में एक बिल पेश करने वाली है, जिसके आने के बाद देश का कोई भी नागरिक 18 साल का होते ही, उसका नाम मतदाता सूची में जुड़ जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार जन्म और मृत्यु से जुड़े आंकड़ों को मतदाता सूची और समग्र विकास प्रक्रिया से जोड़ने के लिए संसद में एक विधेयक लाने की योजना बना रही है। भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त के कार्यालय जनगणना भवन का उद्घाटन करते हुए शाह ने कहा कि जनगणना एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें अगर सबकुछ दुरुस्त हो, सारे कागज सही हो, सब डेटा मौजूद हो तो ये विकास के एजेंडे का आधार बन सकती है।
कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने कहा कि डिजिटल, पूर्ण और सटीक जनगणना के आंकड़ों से एकबार में कई तरह के लाभ होंगे। जनगणना के आंकड़ों पर आधारित योजना से यह तय होता है कि विकास गरीब से गरीब व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने बताया, मृत्यु और जन्म रजिस्टर को मतदाता सूची से जोड़ने के लिए एक विधेयक संसद में जल्द पेश किया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत, जब कोई व्यक्ति 18 साल का होगा तो उसका नाम अपने आप मतदाता सूची में शामिल हो जाएगा। उसे वोटर कार्ड के लिए अप्लाई करने की जरुरत नहीं होगी। इसी तरह, जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होगी, तो वह जानकारी अपने आप ही निर्वाचन आयोग के पास जाएगी, जो मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू करेगा। इस तरह से प्रक्रिया काफी आसान हो जाएगी और लोगों को कम जूझना पड़ेगा।