बिहार: सीडीपीओ कुमारी श्वेता ने की हठधर्मिता की हदे पार तो लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने वेतन बंद करने और लगे आरोपों की जांच के लिए डीएम से की अनुशंसा

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खबर एक्सप्रेस बिहार न्यूज़24, पश्चिम चंपारण : यहाँ के जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने बीते दिनों चनपटिया प्रखंड के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी और डीपीओ के हठधर्मिता के विरुद्ध संज्ञान लेते हुए दोनों पदाधिकारियों का वेतन बंद करने तथा बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के क्रियाकलापों की जांच के लिए जिलाधिकारी से अनुशंसा की है ।

जानकारी के मुताबिक आरटीआई एक्टिविस्ट नरेंद्र कुमार राय बनाम बाल विकास परियोजना पदाधिकारी {चनपटिया} कुमारी श्वेता के मामले की सुनवाई जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के द्वारा हाल ही में की जा रही थी | इस क्रम में चनपटिया प्रखंड में पदस्थापित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कुमारी श्वेता और डीपीओ [आईसीडीएस] को अपना पक्ष रखने के लिए जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने कई बार नोटिस जारी किया था |

वही जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा निर्गत नोटिस के आलोक में दोनों ही पदाधिकारियों ने हठधर्मिता की तमाम हदे पार करते हुए जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश की धज्जियां उड़ाई गई और दोनों पदाधिकारियों ने पक्ष रखने के बजाए मामले पर चुप्पी साध लिया |

इस मामले को लेकर दोनों पदाधिकारियों के कृत्य से नाराज जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने कडा एक्शन लेते हुए पश्चिम चंपारण के जिलाधिकारी से दोनों पदाधिकारियों का वेतन बंद करने तथा लगे आरोपों की जाँच के लिए टीम गठित करने की अनुशंसा कर दी है | संभावना जतायी जा रही है कि जिलाधिकारी से स्वीकृति मिलते ही दोनों पदाधिकारियों का वेतन बंद होने के साथ ही मुश्किलें और अधिक बढ़ सकती है |

Kebnews24

सूत्रों के हवाले मिली जानकारी के मुताबिक चनपटिया प्रखंड में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कुमारी श्वेता के द्वारा जिस तरह से सरकारी राशि का मनमाने तरीके से दुरूपयोग की गई है और तमाम जानकारी के वावजूद डीपीओ [आईसीडीएस ] के द्वारा किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने कार्रवाई के लिए जिला पदाधिकारी से अनुशंसा की है |

यहाँ बताते चले कि आरटीआई एक्टिविस्ट नरेंद्र कुमार राय ने न सिर्फ चनपटिया प्रखंड के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार और वितीय अनियमितता को पोलपट्टी खोलकर राखी दी है बल्कि इस मामले की शिकायत दिल्ली दरबार से भी की है | वही इस मामले को लेकर दिल्ली दरबार के फरमान के बाद जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के द्वारा तिथि और समय निर्धारित कर दोनों पदाधिकारियों को पक्ष रखने के लिए कई बार नोटिस जारी किया गया मगर दोनों ही अधिकारियो ने अपना पक्ष रखने के बजाए चुप्पी साध ली थी |

जरा सोचिए , ये दोनों ही पदाधिकारी जब अपने वरीय पदाधिकारी के आदेश को न सिर्फ धत्ता बता रहे है बल्कि कायदे – कानून की धज्जियाँ उड़ाने से भी परहेज तक नहीं कर रहे है ,तो ये आम जनमानस के हीत की बात कहाँ तक सोचेंगे इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है | यह लिखना भी अतिश्योक्ति नहीं होगा की ऐसे पदाधिकारियों के कृत्य से ही सरकार के दामन पर भ्रष्टाचार का बदनुमा दाग लगता रहा है |

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