समाज कल्याण विभाग ने भ्रष्टाचार की आरोपित सीडीपीओ पर कार्रवाई करने के बजाए कर दिया स्थानांतरण, भ्रष्टाचार के विरुद्ध एनडीए सरकार की नीति पर उठ रहे गंभीर सवाल ?

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खबर एक्सप्रेस बिहार न्यूज24, बिहार डेस्क : बिहार में एनडीए की कथित सुशासन सरकार में भ्रष्टाचार के आरोपियों को बचाने और निर्दोष व ईमानदार तथा कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारियों को तंग – तबाह करने का ऐसा सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है । जिसे जानकार आप भी दंग रह जाएंगे । हाल ही में बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग ने कई जिलों के डीपीओ और सीडीपीओ का स्थानान्तरण किया है ।

इस बीच खबर है कि पश्चिम चंपारण जिलांतर्गत चनपटिया प्रखंड मुख्यालय में पदस्थापित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कुमारी श्वेता का भी स्थानांतरण गोपालगंज जिले के कई प्रखंडों का प्रभार देते हुए विभाग ने किया है । जबकि बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कुमारी श्वेता के विरुद्ध भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगे है । इससे संबंधित शिकायत जिला स्तर से लेकर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो तथा आर्थिक अपराध इकाई से भी की जा चुकी है ।

इधर शिकायत मिलने के बाद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के कार्यालय की ओर समाज कल्याण विभाग को पत्राचार किया जा चुका है । मुख्यालय ने भी एक पत्र जारी कर सीडीपीओ के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करने के लिए पश्चिम चंपारण (बेतिया) के जिलाधिकारी को पत्राचार किया जा चुका है ।

ऐसे परिस्थितियों में समाज कल्याण विभाग द्वारा चनपटिया के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी का दूसरे जिले में स्थानांतरण करना भ्रष्टाचार की जांच के आंच से बचाने की तरफ इंगित करता है। यहां यह भी बताना आवश्यक है कि इससे पहले बिहार के शिवहर जिले में पदस्थापित इस सीडीपीओ पर आय से अधिक संपत्ति का मामला भी सामने आ चुका है ।


शिवहर जिले में पदस्थापना के दौरान आय से अधिक संपत्ति की जांच का मामला सामने आने के बाद विभाग के उच्चपदस्थ पदाधिकारियों ने जांच और कार्रवाई प्रभावित करने के उद्देश्य मात्र से ही सीडीपीओ कुमारी श्वेता को शिवहर से पश्चिम चंपारण जिले में स्थानांतरित किए जाने की चर्चा जोरो पर है।

वहीं पश्चिम चंपारण जिले के चनपटिया में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित सीडीपीओ कुमारी श्वेता कई प्रखंडों के प्रभार में भी रही और सरकारी राशि का जमकर दुरुपयोग किया । इस बाबत चनपटिया स्थित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के कार्यालय में कार्यरत एक प्रखंड समन्वयक ने ही सीडीपीओ के भ्रष्टाचार के कारनामे की पोलपट्टी खोली तो विभाग ने शुरू हुई तकरार पर सीडीपीओ का स्थानांतरण कर विराम लगाने की कोशिश की गई है । ऐसे में कहा जा सकता है कि समाज कल्याण विभाग ने भ्रष्टाचार के आरोपियों का मनोबल न सिर्फ बढ़ाने का कार्य किया है बल्कि ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारियों को मनोबल तोड़ दिया है ।

वहीं एक आरटीआई एक्टिविस्ट की माने तो पश्चिम चंपारण जिलांतर्गत चनपटिया स्थित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के कार्यालय में व्याप्त अनियमितता और भ्रष्टाचार को लेकर आरटीआई के जरिए कई जानकारियां मांगी गई लेकिन कायदे कानून की धज्जियां उड़ाते हुए सक्षम पदाधिकारियों ने मामले में को दबाने की भरसक कोशिशें की है । हालाकि इस बीच आरटीआई के जरिए जो कुछ भी जानकारियां हासिल हुई है ,उसके अवलोकन मात्र से ही भ्रष्टाचार का मामले सामने आया है । वहीं इस तबादले के बाद वैसे लोगो का कथित सुशासन सरकार से भरोसा उठ जाएगा जिसमें भ्रष्टाचार के मामले में शून्य ट्रांसलेस की बाते कही जाती रही है ।

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